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Sunita Rani



Sunita Rani
Athlete
Sunita Rani (born 4 December 1979) is an Indian athlete from Punjab who won a gold medal in the 1500 m and a bronze medal in the 5000 m during the 2002 Asian Games. Her time of 4:06.03 in the 1500 metres at the 2002 Asian Games is the current national record. She was awarded Arjuna Award in 1999 and Padma Shri for her achievements.
 
CAREER
Sunita hails from Sunam, Punjab and is best known for her performance at the 2002 Asian games, where she won a gold medal in the 1500 m and a bronze medal in the 5000 m races.

Sunita has spoken out about the need for better facilities in order to motivate athletes. She was also working as an Superintendent of Police in Pathankot, Punjab.

CONTROVERSY
Sunita Rani was hit with controversy about her performance at the 2002 Asian games, where she won a gold medal in the 1500m and a bronze medal in 5000m, after she tested positive for nandrolone, a banned substance that aids recovery, strength and endurance, in the dope tests. Both her medals were revoked. However, the Indian Olympic Association fought to prove that the doping tests had major procedural irregularities, and that the results were not valid. Rani has categorically maintained that she had not taken any banned substances. She had also cleared the dope test in Delhi, on the eve of the Indian team's departure to Busan.

The Olympic Council of Asia later officially admitted that there had been discrepancies in her dope test. On January 3, 2003, the International Association of Athletics Federations officially cleared her off her doping charges, and reinstated her medals. The Amateur Athletic Federation of India held a 'Restoration of Medals' ceremony on February 4, 2003, to officially return her medals to her.

सुनीता रानी अर्जुन पुरस्कार पाने वाली चर्चित एथलीट हैं | अक्टूबर 2002 में हुए बुसान एशियाई खेलों में 1500 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीत कर चर्चा में आईं सुनीता रानी अखबारों में छा गई जब इन खेलों के बाद हुए डोप टेस्ट में वह फेल हो गई । इसके बाद वह अनेक दिनों तक समाचार पत्रों व समाचार चैनलों पर चर्चा का विषय बनी रही क्योकि उससे पदक छीन लिया गया तथा उसके बनाए रिकार्ड्स को रिकार्ड्स से हटा दिया गया । यह अलग बात है कि बाद में सुनीता को इस मामले में बरी कर दिया गया और उसके पदक भी वापस दे दिये गए |

सुनीता रानी का जीवन परिचय (Sunita Rani Biography In Hindi)
सुनीता रानी मध्यम परिवार से आई है । उसके पिता का नाम राम सरूप तथा मां का नाम संतोष रानी है । उसके पिता गांव के पटवारी पद से रिटायर हुए हैं । अब उनकी खेल के सामान की छोटी-मोटी दुकान है । उसे राष्ट्रपति के. आर. नारायणन के हाथों ‘अर्जुन पुरस्कार’ भी दिया जा चुका है ।

उसका खेल का सफर 1994 में स्कूली जीवन से शुरू हुआ । पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम में 15 वर्षीय सुनीता सोचती थी कि यह तो एक जन्मजात प्रतिभा होती है, तभी व्यक्ति दौड़कर इनाम हासिल कर पाता है । तभी उसकी सीनियर छात्रा गोल्डी रानी ने उसे समझाया कि दौड़ में जीतने के लिए मेहनत करो । उसी की प्रेरणा से सुनीता रानी ने जिला स्तर पर 1994 में 3000 मीटर की दौड़ में भाग लिया और 18 वर्ष से कम आयु वर्ग में गोल्डी के बाद द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा 16 वर्ष से कम आयु वर्ग में प्रथम स्थान पाया और सुनीता को बहुत प्रशंसा मिली ।

इसके बाद अपने पिता व भाइयों की प्रेरणा से उसने अनेक प्रतियोगिताओं में भाग लिया । 1995 के फेडरेशन कप में विजय प्राप्त करने के बाद वह खेल अधिकारीयों की निगाह में आई ।

उसके बाद वह सिडनी ओलंपिक में भाग लेने के लिए तैयारियों में लगी रही | उसे महसूस हुआ कि 10000 मीटर की स्पर्धा छोड्‌कर उसे 50000 मीटर दौड़ने की क्षमता का विकास करना चाहिए, साथ ही 800 मीटर दौड़ का अभ्यास करना चाहिए ताकि स्पीड बनी रहे । उसे यकीन था कि वह अपनी टाइमिंग ठीक करके पदक पा लेगी परन्तु किन्हीं कारणों वश वह सिडनी ओलंपिक में भाग नहीं ले सकी |

2002 में हुए बुसान एशियाई खेलों में उसने अपना राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ते हुए 1500 मीटर का स्वर्ण पदक प्राप्त किया । 4:06:03 मिनट में दूरी तय करके उसने 6 सेकंड से एशियाई रिकार्ड तोड़ दिया । वह दूसरी प्रतियोगियों से भी छह सेकंड आगे थी |

सुनीता की यह ख्याति रातोंरात बदल गई और उसे उसकी निन्दनीय स्थिति की ओर ले गई । उसका डोप टेस्ट पाजिटिव रहा, जिसके कारण उसकी सर्वत्र निंदा होने लगी | एथलेटिक्स फेडरेशन और भारतीय ओलंपिक संघ ने उसे बचाना तो दूर उससे दूरी बनानी आरम्भ के दी । सुनीता गुमनामी में खोने लगी । जब की यही स्थिति श्रीलंका की सुशान्तिका जयसिंहे और इंग्लैंड के लिन्फोर्ड क्रिस्टी की हुई थी तो उनके देशों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया था ।

23 वर्षीय खिलाड़ी को उस वक्त किसी ने ढाढस बंधाने का साहस नहीं किया | कहा जाता है कि भारत में 1998 से राज्यों द्वारा स्पांसर किए गए डोपिंग प्रोग्राम चल रहें हैं ताकि खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सकें और पदक जीत सकें । सच्चाई क्या है ? कोई नहीं जानता ?

24 दिसम्बर, 2002 भारतीय ओलंपिक संघ ने घोषणा की कि अन्तरराष्ट्रीय ओलंपिक मेडिकल कमीशन ने सुनीता के डोप टेस्ट के आरोप वापस ले लिए हैं | सुनीता के लिए यह नए वर्ष के उपहार जैसा ही था जो कुछ समय पूर्व ही आ गया था |


 
जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम में वह दिन कोई नहीं भूल सकता जब सुनीता सलवान कमेटी के सामने अपना मामला रखने आई थी । मीडिया ने उन्हें घेर लिया तो उन्हें बचाकर ले जाना पड़ा था । ड्रग टेस्ट में विफल होना पहले पृष्ठ की सुर्ख़ियों में रहा था | लेकिन अंत में सुनीता इस मामले से बच निकलने में कामयाब रही | वह अपने पदक भी बचा सकी । कुवैत में ओलंपिक कांउसिल  ऑफ एशिया के पास उसके पदक रख दिये गए थे, जो उसे अन्त में वापस दे दिए गए |

अंत में ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया की डोपिंग और बायो कैमिस्ट्री कमेटी ने पाया कि सियोल की टेस्ट लेबोरेटरी में कुछ गड़बड़ियां थीं । अत: इस केस को खत्म करने का निर्णय लिया गया । अत: घोषित किया गया कि उसके द्वारा बनाए गए रिकार्ड भी ज्यों के त्यों उसी के नाम रहेंगे ।

एशियाई खेलों के इतिहास में यह पहला मौका था जब डोपिंग टैस्ट का फैसला बदला गया हो । भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने भी सुनीता को बचाने का प्रयास किया था ।

कई वर्षों के अन्तराल के पश्चात् सुनीता रानी ट्रैक पर पुन: लौटी । मई 2005 में पंजाब पुलिस की सुनीता ने ए. एफ. आई. राष्ट्रीय एथलेटिक सर्किट मीट में 10000 मीटर दौड़ का स्वर्ण पदक हासिल किया । उसने यह दौड़ 34:57:42 सेकंड में पूरी करके पदक प्राप्त किया ।

जून 2005 में सुनीता रानी ने शानदार वापसी करते हुए 1500 मीटर दौड़  4:20:63 में पूरी करके प्रथम स्थान प्राप्त किया । यह प्रतियोगिता नेहरू स्टेडियम, दिल्ली में फेडरेशन कप एथलेटिक्स के लिए थी । उनकी यह दौड़ उनके राष्ट्रीय रिकार्ड से 12 सैकंड ज्यादा थी ।

उपलब्धियां
2000 में सुनीता ने बुसान एशियाई खेलों में 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता |

बुसान एशियाई खेलों में उन्होंने 5000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता |
मई 2005 में ए. एफ. आई. राष्ट्रीय एयलेटिक्स मीट में उन्होंने 10000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक प्राप्त किया |
जून 2005 में सुनीता रानी ने 1500 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया |

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